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सेशन 2020-21 में स्कूल सिलेबस को कम करने की योजना है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए व बहुत से पेरेंट्स व टीचर्स की रिक्वेस्ट के बाद हम आने वाले एकेडमिक ईयर के लिए सिलेबस घटाने व इंस्ट्रक्शनल घंटे कम करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। कोविड-19 के चलते लंबे समय से स्कूल बंद हैं। संसाधनों की कमी से बड़ी संख्या में छात्र ऑनलाइन क्लासेस अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में लगातार सिलेबस कम करने की मांग उठ रही थी। बता दें, सेक्रेटरी ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी, अनिता करवाल द्वारा स्टेट एजुकेशन सेक्रेटरीज की मीटिंग लेने के बाद यह घोषणा की गई। प्रदेश से शिक्षा सचिव मंजू राजपाल इस मीटिंग में शामिल हुई। उनके अनुसार, स्कूल कब खुलेंगे यह फैसला गृह मंत्रालय को लेना है। कोरोना को लेकर हर राज्य की स्थिति अलग है, स्कूल वहां कितने समय से बंद हैं, इसी अनुसार रिडक्शन होगा।
जेईई व नीट का सिलेबस भी कम होने की संभावना
हाल में दिल्ली के डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी एमएचआरडी मिनिस्टर को सुझाव देते हुए लिखा है कि स्कूल के साथ ही जेईई मेन व नीट में भी कोर्स कम किया जाना चाहिए। 10वीं व 12वीं के लिए सभी विषयों में 30 प्रतिशत तक सिलेबस कम होना चाहिए। ताकि लर्निंग पर छात्र फोकस कर पाएं।
क्या कहते हैं अधिकारी
- एमएचआरडी से गाइडलाइन मिलने के बाद इस पर काम होगा। सिलेबस कम होने पर बच्चों पर भार कम होगा।
डीपी जारोली, अध्यक्ष, आरबीएसई
- इस संबंध में एमएचआरडी से मीटिंग हो चुकी है। वे सिलेबस रिडक्शन का प्रस्ताव दे चुके हैं। इसकी गाइडलाइन जून अंत तक आ जानी चाहिए।
-मंजू राजपाल, शिक्षा सचिव
क्या कम होगा, इस पर फिलहाल फैसला नहीं
कोर्स में क्या कम होगा, इस पर निर्णय नहीं हुआ है। मिनिस्टर ने सोशल मीडिया पर टीचर्स व शिक्षाविदों से सुझाव मांगे हैं। सीबीएसई पहले ही कह चुका है कि वह आनुपातिक रूप से सिलबेस कम करने की प्लानिंग कर रहा है।
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