
कोरोना के बीच मंगलवार से शुरू हुए जेईई मेन पेपर 2 के बी.आर्क और बी. प्लानिंग परीक्षा में करीब डेढ़ लाख कैंडिडेट्स शामिल हुए। परीक्षा में शामिल हुए स्टूडेंट्स के मुताबिक जनवरी सेशन में हुए एग्जाम की तुलना में पेपर आसान रहा। वहीं, कुछ ड्रॉप ईयर स्टूडेंट्स के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल का पेपर थोड़ा मुश्किल रहा।
बी.आर्क के लिए होने वाली मैथ्स और एप्टीट्यूड की परीक्षाओं को कंप्यूटर आधारित मोड के जरिए आयोजित किया गया। जबकि बी. प्लान के लिए मैथ्स, एप्टीट्यूड टेस्ट और प्लानिंग, तीनों ही खंड ऑनलाइन आयोजित किए गए।
तैयारियों से संतुष्ट दिखे स्टूडेंट्स
एनटीए अधिकारियों के मुताबिक, हर शिफ्ट के शुरू होने से पहले और आखिरी शिफ्ट के खत्म होने के बाद, सभी सीटों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया। वर्क स्टेशन और की-बोर्ड को भी सैनिटाइज किया गया। परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार और परीक्षा हॉल के अंदर हर समय हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध रहें। एक-एक कर बच्चों को निकाला गया। परीक्षा देने आए स्टूडेंट्स परीक्षा केंद्रों पर की गई तैयारियों से संतुष्ट दिखे। सभी ने कहा बैठने की उचित व्यवस्था थी और सैनिटाइजेशन के भी बेहतर इंतजाम किए गए थे।
परीक्षा में पूछे गए लॉजिकल सवाल
भोपाल में जेईई मेन की परीक्षा देने वाली पाखी भारद्वाज बताती हैं कि पेपर आसान था। फॉर्मूला बेस्ड होने के साथ ही परीक्षा में कुछ लॉजिकल सवाल भी पूछे गए। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल पेपर थोड़ा कठिन था। कोरोना के बीच परीक्षा के इंतजामों के बारे में पाखी ने बताया कि एग्जाम हॉल और एग्जाम सेंटर के अंदर सभी एसओपी फॉलो किए गए। लेकिन परीक्षा सेंटर के बाहर कोई गाइडलाइंस फॉलो होती नजर नहीं आई।
टाइम मैनेजमेंट ना होने से छूटे सवाल
वहीं, कानपुर से परीक्षा में शामिल हुई अक्सा खान ने बताया कि मैथ्स में ज्यादा सवाल होने की वजह से उन्हें पेपर लंबा लगा। साथ ही टाइम मैनेजमेंट ना होने की वजह से कुछ क्वेश्चन छोड़ने पड़े। कोरोना के परीक्षा के आयोजन पर अक्सा ने कहा कि एग्जाम सेंटर के अंदर एनटीए की तरफ से जारी की गई सभी गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया गया। हालांकि, एग्जाम सेंटर के बाहर किसी तरह की कोई गाइडलाइंस फॉलो नहीं की गई।
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