
कोरोना महामारी के चलते करीब 7 महीने बंद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर खोला जाएगा। कैंपस को सोमवार से चौथे चरण में पीएचडी स्कॉलर के लिए खोला जाएगा। JNU के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने कहा कि पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए 21 दिसंबर से कैंपस को खोला जा रहा है, जिन स्टूडेंट्स को लैबोरेट्री की जरूरत है, वे कैंपस में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें 7 दिनों तक सेल्फ क्वारैंटाइन रहना होगा। इसके लिए स्टूडेंट्स को एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी जमा कराना होगा।
लाइब्रेरी, कैंटीन और ढाबा रहेंगे बंद
यूनिवर्सिटी ने कैंपस को खोलने के साथ ही केंद्रीय लाइब्रेरी, कैंटीन और ढाबा को बंद रखने की भी जानकारी दी है। प्रमोद कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए लैब से लेकर कार्यालय में भी कार्यरत कर्मचारियों और स्टूडेंट्स को कोरोना ऐप इंस्टॉल करने की सलाह दी गई है, जिससे कोरोना संक्रमण का पता लग सके। इसके लिए सभी विभागाध्यक्ष को मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप को इंस्टॉल करने के निर्देश दिए हैं।
यूनिवर्सिटी ने जारी किए जरूरी दिशा-निर्देश
कैंपस दोबारा खोलने को लेकर यूनिवर्सिटी ने कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए है। इसके तहत सभी बैठकों को ऑनलाइन, कार्यालय के समय सभी दरवाजों को खुला रखना, एयर कंडीशन से बचना और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहने की अनिवार्यता आदि शामिल हैं। यदि किसी कर्मचारी या स्टूडेंट के परिवार में कोई कोरोना संक्रमित या आइसोलेशन में है तो इस संबंध में उन्हें संबंधित दस्तावेजों के साथ जानकारी देनी होगी। मार्च से ही बंद पड़े JNU कैंपस को बीते 2 नवंबर से विभिन्न चरण के तहत खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
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